धर्मजय सिंह ( रीवा का किसान ) के परिवार ने उन्हें कोरोना से बचाने के लिए करीब 8 करोड़ रुपये खर्च किए लेकिन फिर भी उनहे बचा नहीं सके. धर्मजय सिंह के परिवार ने करीब 50 एकड़ जमीन भी बेच डाली. मपी रीवा के मऊगंज तहसील क्षेत्र अंतर्गत रकरी गांव के रहने वाले धर्मजय ने किसानी में नए नए प्रयोग कर राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त किया था. सन 2021 की अप्रैल में सिंह को कोरोना हो गया था. पहले तो उन्हें रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उन्हें चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल भेज दिया गया. यहां उन्होंने 8 महीनों तक मौत से जंग की लड़ाई लेकिन जिंदगी की जंग जीत नहीं पाए.
मपी रीवा के बड़े किसान धर्मजय सिंह का कोरोना से निधन हो गया. वो मऊगंज तहसील क्षेत्र अंतर्गत रकरी गांव के रहने वाले थे. उनके निधन के बाद पूरे विंध्य क्षेत्र में शोक की लहर है. वो विंध्य क्षेत्र के प्रगतिशील किसान थे. उन्होंने तकरीबन 200 एकड़ भूमि में खेती करते हुए अपना एक अलग नाम बनाया था. सिंह के इलाज पर परिवार ने 8 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन उसके बाद भी उनकी जान नहीं बची.
कहा जा रहा है कि धर्मजय सिंह साल 2021 के अप्रैल में कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे. उसके बाद उन्हें इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मगर डॉक्टरों ने परिजनों को कहीं और ले जाने की सलाह दी. परिजन धर्मजय को चेन्नई के एक अस्पताल ले गए. यहां उन्होंने 8 महीनों तक मौत से जंग लड़ी, लेकिन जीत नहीं सके. परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनके इलाज पर 8 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसके लिए परिवार ने तकरीबन 50 एकड़ जमीन भी बेची..
जानलो की चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में उनका इलाज लंदन के डॉक्टर द्वारा मॉनिटरिंग में हो रहा था. उन्हें देखने बाकायदा डॉक्टर लंदन से आते थे. उनके इलाज के लिए कई अन्य देशों के डॉक्टरों से भी सलाह ली जाती थी. धर्मजय सिंह विंध्य क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों में अपना नाम रखते हैं. उनके परिवार के पास तकरीबन 200 एकड़ जमीन है. इस जमीन पर स्ट्रॉबेरी और गुलाब की खेती होती है. उन्होंने खेती में अलग-अलग तरह के प्रयोग किए. इसलिए उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मान भी प्राप्त हुआ. पिछले साल 26 जनवरी को रीवा में ध्वजारोहण करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनका सम्मान किया था.